ऐ ख़ुदा तुने भी क्या खूब बनाया ! ऐ ख़ुदा तुने भी क्या खूब बनाया !
तब भी एक खत अधूरा था मेरे सिरहाने पर, जिस खत में था मेरा प्यार तेरे लिए। तब भी एक खत अधूरा था मेरे सिरहाने पर, जिस खत में था मेरा प्यार तेरे लिए।
कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें। कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें।
अपनी ही पसंद का है एक महल बनाया उसको बड़े ही चाव से मैंने सजाया अपनी ही पसंद का है एक महल बनाया उसको बड़े ही चाव से मैंने सजाया
दस मंजीला इमारतों के शहर में ना जाने कहाँ खोया है आदमी। बस घर बसे है शहरों में और अपने ख... दस मंजीला इमारतों के शहर में ना जाने कहाँ खोया है आदमी। बस घर बसे है शहर...
शब्द महल की हर ईंट को अपने हाथों से लगाना है समाज में चले रहे आडंबर को सबके सामने लाना है। शब्द महल की हर ईंट को अपने हाथों से लगाना है समाज में चले रहे आडंबर को सबके स...